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09/26/2023

पेट में दर्द होना बहुत ही सामान्य होता है लेकिन कभी-कभी यह दर्द कई बार काफी घातक रूप ले लेता है। हल्का-फुल्का यह दर्द अचानक से तेज़ होने लगता है और छींकने व  खांसने पर यह और ज्यादा होने लगता है। इस स्तिथि में आपको थोड़ा सतर्क रहने की ज़रूरत होती है क्योकि यह दर्द अपेंडिक्स का भी हो सकता है। अपेंडिक्स क्या है? अपेंडिक्स आंत का छोटा-सा हिस्सा होता है। इसमें सूजन और दर्द होने पर अपेंडिक्स की बीमारी होती है। अपेंडिक्स में पेट में अचानक से तेज दर्द होने लगता है। यह दर्द पेट के निचले दाहिने भाग में होता है। दर्द के साथ-साथ उल्टी होने लगती है व पेट फूलने लगता है। कई लोगों को अपेंडिक्स का दर्द मूत्राशय के करीब भी होता है जिसमें बार-बार पेशाब लगता है और पेशाब में जलन के साथ ही दर्द होने लगता है। देखा जाए तो सूजन संक्रमण के कारण भी हो सकती है। ऐसा माना जाता है कि अगर अपेंडिक्स का सही वक्त पर इलाज नहीं किया गया तो यह गंभीर रूप ले लेती है। आमतौर पर अपेंडिक्स को दो प्रकार में विभाजित किया जाता है। पहला एक्यूट अपेंडिसाइटिस और दूसरा क्रोनिक अपेंडिसाइटिस। एक्यूट अपेंडिसाइटिस को घातक माना जाता है। इसका अगर सही वक्त पर इलाज नहीं होता है तो यह अपेंडिक्स पेट में ही फट जाता है। एक्यूट अपेंडिसाइटिस में पेट में भयंकर दर्द होता है। क्रोनिक अपेंडिसाइटिस की पहचान कई बार फौरन संभव नहीं हो पाती है।

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पेट दर्द और अपेंडिक्स के दर्द को थोड़ा ध्यान देकर आसानी से समझ सकते है। अगर पेट में दर्द हो रहा है और यह दर्द कुछ समय में ही खत्म हो जाता है तो समझ लें कि ये पेट दर्द किसी और कारण से हो रहा है। लेकिन अगर पेट में होने वाला दर्द शुरुआत में नाभि के आस पास वाले हिस्से में होता है और फिर अगले कुछ घंटों के बीच यह दर्द शिफ्ट होने लगता है तो यह अपेंडिक्स का दर्द हो सकता है । अपेंडिक्स की बीमारी होने पर पुरुष व स्त्री दोनों का सही समय पर इलाज होना चाहिए। अगर सही समय पर विशेषकर महिलाओं को इलाज नहीं मिल पाता है तो यह उनके लिए बहुत नुकसानदायक हो सकता है।

इस बीमारी के लक्षण दूसरी कई बीमारियों के लक्षण से काफी मिलते जुलते है। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि अधिकांश मामलों में माहिलाओ को यह पता ही नहीं चलता है कि वह अपेन्डिसाइटिस की शिकार है। इस बीमारी के निदान न होने के कारण यह रोग काफी बढ़ जाता है और फिर इसके इलाज में बहुत ज्यादा समय लगता है। एक अनुमान के मुताबिक सिर्फ एक तिहाई महिलायें ही ऐसी होती है जो शुरुवाती चरण में ही इस बीमारी का पता लगा पाती है। हालांकि आज के समय में अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन जैसी तकनीक से अपेंडिक्स का पता लगाना काफी आसान हो गया है। इसके बावजूद भी अगर इसके लक्षणों की तरफ थोड़ा सा ध्यान दिया जाएं तो इसका निदान आसानी से किया जा सकता है।

महिलाओ में अपेंडिक्स के लक्षण इस प्रकार है। 

पेट दर्द: पेट में तेज़ दर्द का होना अपेंडिक्स का सबसे प्रमुख लक्षण होता है। अगर पेट के दाहिनी तरफ वाले हिस्से में तेज दर्द होता है तो समझ लें कि अपेंडिक्स होने की संभावना अधिक है। यह दर्द पेट में मौजूद अतिरिक्त दवाब के कारण होता है। शुरुवात में यह दर्द ठीक नाभि के आसपास वाले हिस्से में होता है। जैसे-जैसे दबाव बढ़ता जाता है तो यह दर्द नाभि से हटकर पेट में दाहिनी तरफ नीचे वाले हिस्से में होने लगता है । यही पर अपेंडिक्स मौजूद होता है। यह दर्द खांसते और चलते समय और भी बढ़ जाता है। अगर अपेंडिक्स का टिप पेल्विस की तरफ है तो इस हिस्से में भी तेज दर्द का अनुभव हो सकता है।

भूख में कमी : अपेंडिक्स के प्रारंभिक चरण में भूख न लगना भी इसका एक प्रमुख लक्षण है। अक्सर महिलाओं को भूख न लगने के साथ-साथ उल्टी और मिचली की समस्या भी होने लगती है। इसके अलावा कब्ज़ का होना भी आम बात है। अगर पेट में दर्द के साथ मितली आना और भूख न लगे तो तुरंत नजदीकी डॉक्टर के पास जाकर अपनी जांच करवाएं।

बुखार: अपेंडिक्स का दर्द होने पर रोगी को अक्सर हल्का बुखार आता है। अगर बुखार के साथ-साथ कंपकंपी भी हो रही है तो यह रप्चर अपेंडिक्स का लक्षण है। इसके अलावा भी अपेंडिक्स के अनेक लक्षण हो सकते है जैसे मल त्याग करने में परेशानी हो सकती है, पेट व उसके आसपास के हिस्सों में सूजन हो सकती है, गैस की समस्या, मतली आदि।
 
अपेंडिक्स की बीमारी है या नहीं इसका निदान कई तरह के परीक्षण और प्रक्रियाओं से चलता है। अगर ज़रूरत होती है तो सर्जरी करके अपेंडिक्स को हटाया जाता है। जयपुर में अपेंडिक्स सर्जरी के लिए काफी अच्छे अस्पताल उपलब्ध है। सर्जरी के बाद एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग किया जाता है। विशेषज्ञ के मुताबिक गैस्ट्रिक रोगों की सर्जरी के लिए तीव्र अपेंडिसाइटिस होता है। 15 से 30 साल की उम्र की महिलाओं में यह समस्या अधिक पाई जाती है।       

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